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बुधवार, 4 जुलाई 2018
A friend in need is a friend in deed
बुधवार, 23 अगस्त 2017
सुभाषित
वाणी रसवती यस्य यस्य श्रमवती क्रिया ।
लक्ष्मीर्दानवती यस्य सफलं तस्य जीवितम् ॥
भावार्थ- जिसकी वाणी रसपूर्ण हो, कर्म-क्रिया श्रमवान हो, और लक्ष्मी दानवती हो उसका जीवन निश्चित ही सफल होता है।
शान्तितुल्यं तपो नास्ति
न संतोषात्परं सुखम्।
न तृष्णया: परो व्याधिर्न
च धर्मो दया परा:।।
भावार्थ- शान्ति के समान कोई तप नही है, संतोष से श्रेष्ठ कोई सुख नही, तृष्णा से बढकर कोई रोग नही और दया से बढकर कोई धर्म नहीं।
शुक्रवार, 11 अगस्त 2017
Beautiful interpretation of Karma and Bhagya
✍एक चाट वाला था। जब भी चाट खाने जाओ ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आता। कई बार उसे कहा कि भाई देर हो जाती है जल्दी चाट लगा दिया करो पर उसकी बात ख़त्म ही नहीं होती।
एक दिन अचानक कर्म और भाग्य पर बात शुरू हो गई।
तक़दीर और तदबीर की बात सुन मैंने सोचा कि चलो आज उसकी फ़िलासफ़ी देख ही लेते हैं। मैंने एक सवाल उछाल दिया।
मेरा सवाल था कि आदमी मेहनत से आगे बढ़ता है या भाग्य से?
और उसके जवाब से मेरे दिमाग़ के सारे जाले ही साफ़ हो गए।
कहने लगा,आपका किसी बैंक में लॉकर तो होगा?
उसकी चाभियाँ ही इस सवाल का जवाब है। हर लॉकर की दो चाभियाँ होती हैं।
एक आप के पास होती है और एक मैनेजर के पास।
आप के पास जो चाभी है वह है परिश्रम और मैनेजर के पास वाली भाग्य।
जब तक दोनों नहीं लगतीं ताला नहीं खुल सकता।
आप कर्मयोगी पुरुष हैं और मैनेजर भगवान।
अाप को अपनी चाभी भी लगाते रहना चाहिये।पता नहीं ऊपर वाला कब अपनी चाभी लगा दे। कहीं ऐसा न हो कि भगवान अपनी भाग्यवाली चाभी लगा रहा हो और हम परिश्रम वाली चाभी न लगा पायें और ताला खुलने से रह जाये ।
This is a beautiful interpretation of Karma and Bhagya 🤔
रविवार, 6 अगस्त 2017
मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐ
तप्त ह्दय सरस स्नेह से
जो सहला दे मित्र वही है
रूखे मन को सरोबार कर
जो नहला दे मित्र वही है
प्रिय वियोग संतप्त चित्त को
जो बहला दे मित्र वही है
अश्रु बूंद की एक झलक से
जो दहला दे मित्र वही है
मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐ
शनिवार, 22 जुलाई 2017
शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017
जहाँ प्रेम है, वहाँ लक्ष्मी का वास है
एक बनिए से लक्ष्मी जी रूठ गई। जाते वक्त बोली मैं जा रही हूँ और मेरी जगह टोटा (नुकसान ) आ रहा है। तैयार हो जाओ। लेकिन मैं तुम्हे अंतिम भेंट जरूर देना चाहती हूँ। मांगो जो भी इच्छा हो।
बनिया बहुत समझदार था। उसने 🙏 विनती कि टोटा आए तो आने दो। लेकिन उससे कहना कि मेरे परिवार में आपसी प्रेम बना रहे। बस मेरी यही इच्छा है।
लक्ष्मी जी ने तथास्तु कहा।
कुछ दिन के बाद :-
बनिए की सबसे छोटी बहू खिचड़ी बना रही थी। उसने नमक आदि डाला और अन्य काम करने लगी। तब दूसरे लड़के की बहू आई और उसने भी बिना चखे नमक डाला और चली गई। इसी प्रकार तीसरी, चौथी बहुएं आईं और नमक डालकर चली गई। उनकी सास ने भी ऐसा किया।
शाम को सबसे पहले बनिया आया। पहला निवाला मुँह में लिया और देखा कि बहुत ज्यादा नमक है। लेकिन वह समझ गया कि टोटा (हानि) आ चुका है, चुपचाप खिचड़ी खाई और चला गया। इसके बाद बङे बेटे का नम्बर आया।
पहला निवाला मुँह में लिया, पूछा, पिता जी ने खाना खा लिया? क्या कहा उन्होंने ?
सभी ने उत्तर दिया:- "हाँ खा लिया,कुछ नही बोले।"
अब लड़के ने सोचा जब पिता जी ही कुछ नहीं बोले तो मैं भी चुपचाप खा लेता हूँ। इस प्रकार घर के अन्य सदस्य भी एक -एक आए, पहले वालों के बारे में पूछते और चुपचाप खाना खा कर चले गए।
रात को टोटा (हानि) हाथ जोड़कर बनिए से कहने लगा:- "मै जा रहा हूँ।"
बनिए ने पूछा- क्यों ?
तब टोटा (हानि ) कहता है, "आप लोग एक किलो तो नमक खा गए।
लेकिन बिलकुल भी झगड़ा नहीं हुआ। मेरा यहाँ कोई काम नहीं"।
निचौङ
झगड़ा कमजोरी , टोटा, नुकसान की पहचान है।
जहाँ प्रेम है, वहाँ लक्ष्मी का वास है।
सदा प्यार -प्रेम बांटते रहें। छोटे -बङे की कदर करें।
जो बङे हैं ,वो बङे ही रहेंगे । चाहे आपकी कमाई उसकी कमाई से बङी हो।
गुरुवार, 12 जनवरी 2017
छोटे और बड़े
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जो लोग आपके पद प्रतिष्ठा
और पैसे से जुड़े हे,
वो लोग आपके 'साथ' खड़े रहेंगे,
परन्तु जो लोग आपकी वाणी,
विचार और व्यवहार से जुड़े हैं,
वो लोग आपके 'लिये' खड़े रहेंगे !!
इतने छोटे बनिए की हर कोई
आप के साथ बैठ सके
और इतने बड़े बनिए की
आप खड़े हो तो कोई बैठा न रहे !!
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