
लोक कथाएँ
दिसंबर 25, 2011
स्वजाति प्रेम

स्वजाति प्रेम एक वन में एक तपस्वी रहते थे। वे बहुत पहुंचे हुए ॠषि थे। उनका तपस्या बल बहुत ऊंचा था। रोज वह प्रातः आक…
स्वजाति प्रेम एक वन में एक तपस्वी रहते थे। वे बहुत पहुंचे हुए ॠषि थे। उनका तपस्या बल बहुत ऊंचा था। रोज वह प्रातः आक…
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