#1 मित्र की सलाह मार्च 28, 2016 ・0 comments ・Topic: पंचतंत्र मित्र सलाह एक धोबी का गधा था। वह दिन भर कपडों के गट्ठर इधर से उधर ढोने में लगा रहता। धोबी स्वयं कंजूस और निर्दयी था। अपने गधे के लिए चारे का प्रबंध न... Read post
#2 मुफ्तखोर मेहमान मार्च 21, 2016 ・0 comments ・Topic: पंचतंत्र मुफ्तखोर मेहमान एक राजा के शयनकक्ष में मंदरीसर्पिणी नाम की जूं ने डेरा डाल रखा था। रोज रात को जब राजा जाता तो वह चुपके से बाहर निकलती और राजा का खून चूसकर... Read post
#3 मुर्ख गधा मार्च 14, 2016 ・0 comments ・Topic: गधा पंचतंत्र मुर्ख किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक सियार उसका सेवक था। एक बार एक हाथी से शेर की लड़ाई हो गई। शेर बुरी तरह घायल हो गया। वह चलने-फिरने में भी ... Read post
#4 मूर्ख को सीख मार्च 07, 2016 ・0 comments ・Topic: पंचतंत्र मूर्ख सीख एक जंगल में एक पेड पर गौरैया का घोंसला था। एक दिन कडाके की ठंड पड रही थी। ठंड से कांपते हुए तीन चार बंदरो ने उसी पेड के नीचे आश्रय लिया। ए... Read post