
सुभाषित

वाणी रसवती यस्य यस्य श्रमवती क्रिया । लक्ष्मीर्दानवती यस्य सफलं तस्य जीवितम् ॥ भावार्थ- जिसकी वाणी रसपूर्ण हो, कर्म…
वाणी रसवती यस्य यस्य श्रमवती क्रिया । लक्ष्मीर्दानवती यस्य सफलं तस्य जीवितम् ॥ भावार्थ- जिसकी वाणी रसपूर्ण हो, कर्म…
✍एक चाट वाला था। जब भी चाट खाने जाओ ऐसा लगता कि वह हमारा ही रास्ता देख रहा हो। हर विषय पर बात करने में उसे बड़ा मज़ा आत…
तप्त ह्दय सरस स्नेह से जो सहला दे मित्र वही है रूखे मन को सरोबार कर जो नहला दे मित्र वही है प्रिय वियोग संतप्त चित्…