एक बार दो दोस्त एक आम के बगीचे से गुज़र रहे थे की उन्होंने देखा के कुछ बच्चे एक आम के पेड़ के नीचे खड़े हो कर पत्थर फेंक कर आम तोड़ रहे हैं।
ये देख कर दोस्त बोला कि देखो कितना बुरा दौर आ गया कि पेड़ भी पत्थर खाए बिना आम नही दे रहा है।
तो दुसरे दोस्त ने कहा "नहीं दोस्त* तु गलत देख रहा है... ,दौर तो बहुत अच्छा है की पत्थर खाने के बावजुद भी पेड़ आम दे रहा है।
दिल में ख़यालात अच्छे हो तो सब चीज अच्छी नज़र आती है, और सोच बुरी हो तो बुराई ही बुराई नज़र आती है ।नियत साफ है तो नजरिया और नज़ारे खुद ब खुद बदल जाते है।
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रविवार, 27 नवंबर 2016
नजरिया और नज़ारे
गुरुवार, 24 सितंबर 2015
नजरिया
एक छोटा सा बच्चा अपने दोनों हाथों में एक एक एप्पल लेकर खड़ा था
उसके पापा ने मुस्कराते हुए कहा कि
"बेटा एक एप्पल मुझे दे दो"
"बेटा एक एप्पल मुझे दे दो"
इतना सुनते ही उस बच्चे ने एक एप्पल को दांतो से कुतर लिया.
उसके पापा कुछ बोल पाते उसके पहले ही उसने अपने दूसरे एप्पल को भी दांतों से कुतर लिया
अपने छोटे से बेटे की इस हरकत को देखकर बाप ठगा सा रह गया और उसके चेहरे पर मुस्कान गायब हो गई थी...
तभी उसके बेटे ने अपने नन्हे हाथ आगे की ओर बढाते हुए पापा को कहा....
"पापा ये लो.. ये वाला ज्यादा मीठा है."
"पापा ये लो.. ये वाला ज्यादा मीठा है."
!!!!!!!!!
शायद हम कभी कभी पूरी बात जाने बिना निष्कर्ष पर पहुंच जाते हैं।
नजर का आपरेशन तो सम्भव है, पर नजरिये का नही..!!!
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